जब भी बारिश होती है तो हमें अपने प्यारों की याद आती है. दिल करता है कि ये पल उनके साथ बिताएं और जो पल बिताएं हैं याद करके मुस्कुराना अच्छा लगता है.
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Barish Shayari In Hindi
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएँगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएँगे
कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है
इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का
Sawan Barish Shayari
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में
सुनो सावन चल रहा है
इजाजत हो तो
भोले से मांग लू तुमको अगले जन्म के लिए
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी.
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी.
ब्यूटीफुल बारिश शायरी
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये
Barish Shayari 2 Line
कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शेहेर में बारिश हो रही है
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
ज़रा ठेहरो के बारिश है ये थम जाए तो फिर जाना
किसी का तुझको छु लेना मुझे अच्छा नहीं लगता
बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते है
हम भीगते है जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी
Romantic Rain Shayari
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से
लो अब गिन लो ये बूँदें बारिश की
अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रेहता हूँ बारिश में
बदन जलता है और मैं भीगता रेहता हूँ बारिश में
अबके बारिश में तो ये कार-ए-ज़ियाँ होना ही था
अपनी कच्ची बस्तियों को बे-निशाँ होना ही था
बरस रही थी बारिश बाहर और
वो भीग रहे थे मुझ में
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है
Funny Barish Shayari
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम
आज के बाद
क्योंकि किचड़ हो गया है
बरसात के बाद
आसमान में काली घटा छाई है
आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई हैं
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
बाजूवाली आज फिर भीग कर आयी है
सुनो महसूस करो बादल की गरज
बिजली की चमक
बारिश की एक एक बूँद
तुमसे चीख चीख कर कह रही है???
आज तो नहा लो
जब जब घिरे बादल तेरी याद आयी
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आयी
जब जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आयी
मेरे भाई तू ने मेरी छतरी क्यों नहीं लौटायी
क्या मस्त मौसम आया है
हर तरफ पानी ही पानी लाया है
तुम घर से बाहर मत निकलना
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं
और मेढक निकल आया है
Barish Shayari In English
Baarish Aur Mohabbat Dono Hi
Yaadgar Hote Hai,
Baarish Main Jism Bheegta Hai
Aur Mohabbat Main Aankhen
Khoob Hausla Badhaya Aandhiyon Ne Dhool Ka
Magar Do Boond Barish Ne Aukaat Bata Di
Koi Rang Nahi Hota
Barish Ke Paani Mein..
Phir Bhi Fhiza Ko,
Rangin Bana Deta Hai.
Barish Tere Bin Bhi Hoti Hai
Mere Shehar Main
Magar Unme Sirf Paani
Barasta Hai Ishq Nahi.
Rehne Do Ki Ab Tum Bhi
Mujhe Padh Na Sakoge
Barsat Mein Kagaj Ki Tara
Bheeg Gaya Hoon Main
Barish Shayari by Gulzar
एक ख्वाहिश हैं मेरी
लम्बी सड़क हल्की सी बारिश
बहुत सारी बातें और बस मैं और तुम
सुना है बाजार में गिर गए हैं दाम सारे इत्र के
बारिश की पहली बूंदों ने आज मिटटी को छुआ है
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
Barish Shayari Sad
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे
मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती है
कभी बादल बरसते है कभी आँखें बरसती है
तुम जो होते तो बात और थी
अब की बारिश तो सिर्फ पानी है
ये बारिशें भी कम ज़ालिम नहीं यादों की बौछार तुम्हारी और
इंतेज़ार में जज़्बात मेरे सीलन खाते है
वो मेरे रू-ब-रू आए भी तो बरसात के मौसम में
मेरे आँसू बेह रहे थे और वो बरसात समझ बैठे
बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो
बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं
ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है
फर्क सिर्फ इतना है
तुम मन को भीगा देते हो
वो पूरे तन को भीगा देती है
बारिशों की भी अपनी कहानी है
जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है
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अंतिम शब्द
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