हेलो दोस्तों अगर आप गूगल पर Gulzar Shayari ढूंढ रहे हैं तो आप सही वेबसाइट पर आये हैं. गुलज़ार साहब भारत के बहुत ही मशहूर लेख़क, फिल्म निर्माता और Lyricist हैं.
गुलज़ार साहब ने हज़ारों बहुत ही खूबसूरत Ghazal, Shayari, Poetry, Quotes, Alfaaz और Poems हिंदी और उर्दू जुबान में लिखीं हैं.
आज हम आपके साथ इस वेबसाइट में हिंदी में गुलज़ार शायरी का कलेक्शन मिलेगा. इस पोस्ट के एन्ड में आपको Related Post मिलेंगी उन्हें भी आप पढ़ सकते हैं.
Gulzar Shayari
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए
वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
Sad Gulzar Shayari
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,
उस ने सदियों की जुदाई दी है।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ए’तिबार किया।
ये कैसा रिश्ता हुआ इश्क में वफ़ा का भला,
तमाम उम्र में दो चार छ: गिले भी नहीं।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते
Gulzar Shayari 2 Lines
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं
छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा
Gulzar Shayari Dosti
Sochta Hun Doston Par Mukdma Kar Doon
Isi Bahaane Taarikhon Par Mulakaat To Hogi.
Dosti Me Dard Mile To Kya Huva
Dard Me Hi Asali Dosti Ki Pehchaan Hoti Hai.
Bewajah Hai Tabhi To Dosti Hai
Vajah Se Hoti To Saajish Hoti
Dushmani Me Bhi Dosti Ka Sila Rehne Diya
Uske Saare Khat Jalaaye Bas Pata Rehne Diya
Gye The Sochkar Ki Baat Bachpan Ki Hogi
Magar Dost Mujhe Apni Tarakki Sunaane Lage.
Gulzar Shayari on Mohabbat
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
Heart Touching Gulzar Shayari
तन्हाई अच्छी लगती है सवाल तो बहुत करती पर
जवाब के लिए ज़िद नहीं करती
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है
Gulzar Shayari On Life
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई.
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है.
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी,
हमें कोनसी यहं ज़िन्दगी गुजारनी है
Best Gulzar Shayari
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
तकलीफ खुद ही कम हो गई,
जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई
कभी ज़िन्दगी एक पल में गुज़र जाती है,
कभी ज़िन्दगी का एक पल नहीं गुज़रता.
तुझे पहचानूंगा कैसे तुझे देखा ही नहीं
ढूँढा करता हूं तुम्हें अपने चेहरे में ही कहीं.
बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है.
Yaadein Gulzar Shayari
बस जीने ही तो नही देगी¸
और क्या कर लेंगे यादें तेरी
नींद आ जाए तो सो भी जाया करो¸
यू रातों में जागने से¸
मोहब्बत लौटा नही करती।
शायरी वह नही लिखते है
जो शराब से नशा करते है¸
शायरी तो वह लिखते है
जो यादों से नशा करते है।
उतार फेंक दी उसने तोहफे में मिली पायल¸
उसे डर था छनकेगी तो याद आ जाऊंगा मैं
शहर में पहले ही
इतना आतंक मचा हुआ है
और आप उसमें
काजल लगाकर बाहर निकलती हो
Gulzar Shayari On Smile
नाराज हमेशा खुशियां ही होती है
गमों के कभी इतने नखरे नही रहे
तेरे जाने से कुछ बदला तो नही¸
रात भी आई थी
और चांद भी आया था
हां मगर¸ नींद नही
साथ साथ घूमते है हम दोनों रात भर¸
लोग मुझे आवारा उसको चांद कहते है
तन्हाई की दीवारों पर¸
घुटन का पर्दा झूल रहा है
बेबसी से छत के नीचे
कोई किसी को भूल रहा है
रात भर यह मोगरे की खुशबू कैसी थी?
अच्छा तो तुम आए थे
मेरी नींदों में
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं
सुनो! जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि. दुनिया खूबसूरत है
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा
मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जल-जलकर
काला न पड़ जाऊं कहीं
तू मुझे हुस्न की धूप का एक टुकड़ा दे
Gulzar Shayari In English
Nazar Jhuka Ke Uthai Thi Jaise Pehli Baar,
Phir Ek Baar To Dekho Mujhe Usi Nazar Se
Meri Khamoshi Mein Sannata Bhi Hai
Shor Bhi Hai,
Tune Dekha Hi Nahin
Aankhon Mein Kuchh Aur Bhi Hai!
Besbab Muskura Raha Hai Chand,
Koi Saajish Chhupa Raha Hai Chand
Itne Logon Mein Kah Do Apni Aankhon Se,
Itna Uncha Na Aise Bola Karo,
Log Mera Naam Jaan Jate Hain
Aaina Dekh kar Tasalli Hui,
Ham Ko Is Ghar Mein Janta Hai Koi
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अंतिम शब्द
दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ कि इस वेबसाइट में शेयर की गईं Gulzar Ki Shayari आपको बहुत पसंद आयी होंगी।अपनी पसंदीदा शायरी को कमेंट करके हमारे साथ जरूर बताएं और अपने दोस्तों और लवर के साथ गुलज़ार साहब की इन खूबसूरत शायरियों को शेयर करना ना भूलें